Monday, September 29, 2008

चार सौ बीस - एपिसोड 60

कागज़ पूरा पढने के बाद आई. जी. ने कहा, "इसके अनुसार हमें नोट एक सूटकेस में रखकर पूर्व की पहाडियों पर पहुँचाना होगा. वहीँ पर पोर्ट्रेट और सूटकेस का आदान प्रदान होगा. सूटकेस नीले रंग का बिना लाक का होगा. और उसे हममें से एक व्यक्ति जीप से एक विशेष रास्ते से गुज़रते हुए ले जाएगा."

"विशेष रास्ते से क्यों?"
"क्योंकि उस रास्ते में पहाडियों से पहले एक विशाल मैदान पड़ता है. और उस मैदान में वह आसानी से हमारा निरीक्षण कर सकेगा. और साथ साथ यह भी देख लेगा की उस व्यक्ति के साथ और भी लोग हैं या वह अकेला है."
"इसके लिए उसने समय क्या दिया है?"

"आज रात को आठ बजे."

"क्यों न हम पहले से उन पहाड़ियों में अपने कुछ आदमी भेज दें. वहां आसानी से वे लोग छुप सकते हैं. जैसे ही वह व्यक्ति वहां पहुंचेगा, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा." इं. दिनेश ने सुझाव दिया.
"हम ऐसा नही कर सकते. क्योंकि इस पत्र के अनुसार उसके पास जो सूटकेस होगा, उसमें पोर्ट्रेट के साथ साथ आर. दी. एक्स. भी होगा. जिसका सम्बन्ध उसकी जेब में पड़े रिमोट से होगा. और खुद उसके बाएँ हाथ की ऊँगली उस रिमोट कंट्रोल के बटन पर होगी. किसी भी खतरे की दशा में बटन पर वह ऊँगली दबाव डालेगी. और सूटकेस के साथ साथ पोर्ट्रेट के भी परखच्चे उड़ जाएंगे." आई. जी. ने बताया.

"ओह. उसकी प्लानिंग वाकई ज़बरदस्त है. हम लोग कुछ नही कर सकते." इं. दिनेश ने अपनी कैप सीधी की.

"कर सकते हैं. किंतु पोर्ट्रेट हासिल करने के बाद. जब तक पोर्ट्रेट उसके पास है तब तक हमें भी मूक रहना होगा."

"डालरों से भरा सूटकेस लेकर कौन जाएगा?"
"तुम. मैं इसके लिए तुम्हें ही भेजना उचित समझता हूँ. एक बात और. जाने से पहले तुम मि.सिन्हा से मिल लेना. वे तुम्हें एक अंगूठी देंगे, जो वास्तव में इन्फ्रारेड माइक्रो कैमरा होगा. जब तुम उस व्यक्ति को सूटकेस दे रहे होगे, उसी समय तुम्हें उसकी एक तस्वीर उस कैमरे से लेनी है." आई.जी. ने अपनी बात जारी रखी, "अब तुम जाकर तैयारी करो. मैं गृहमंत्री और दूसरे लोगों के साथ मीटिंग के लिए जा रहा हूँ. क्योंकि अभी हमें डालरों का प्रबंध करना है."आई. जी. राघवेन्द्र ने उठते हुए कहा.

1 comment:

seema gupta said...

' very interesting, ab dekhna hai kee suitcase daite time ring camera se photo lee jatee hai ya nahee..."

Regards