Wednesday, October 1, 2008

चार सौ बीस - एपिसोड 61

"तो तुम जा रहे हो पहाडियों पर!" सोनिया ने हंसराज को तय्यारी करते देखकर कहा.

"हाँ. आशा है कि वे लोग हमारी बात मान गए होंगे." हंसराज के सामने आईना रखा हुआ था, जिसमें देख देखकर वह अपना मेकअप कर रहा था.
"मेरा तो दिल धड़क रहा है." सोनिया के चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं.

"मुझे विश्वास है कि वह मेरे इश्क में धड़क रहा है. डार्लिंग, तुम फ़िक्र मत करो. इस वारदात के बाद हम ज़रूर शादी कर लेंगे. फिर रोजाना तुम मुझे हलवा पूरी खिलाना और मैं तुम्हें देख देख कर वह हलवा पूरी खाता रहूँगा." हंसराज ने प्यार से सोनिया की आंखों में झाँका. उसके चेहरे पर आने वाले समय का कोई तनाव नही था.

"ज़्यादा बकवास मत करो." सोनिया ने लाल होते गालों के साथ उसे डांटा, "मैं तो सोच रही हूँ कि अगर तुम पकड़े गए तो क्या होगा."
"कुछ नही होगा. कुछ दिन दूसरे घर में रह लेंगे." अब वह अपने होटों के ऊपर नकली मूंछें लगा रहा था. "और मेरा क्या होगा?" सोनिया ने उसे घूरा."तुम तब तक उस सेठ की मिठाइयों के लिए मॉडलिंग कर लेना. आखिर हम उससे दस हज़ार रूपए ......" हंसराज की बात अधूरी रह गई क्योंकि सोनिया ने अपना हाथ चला दिया था. हंसराज के जल्दी से झुक जाने के कारण सोनिया का वार खाली गया.
उसने फिर मारने के लिए हाथ उठाया. किंतु तब तक हंसराज कूदकर दूर पहुँच गया था. वह बोला, "बस बस, बाकी बातें बाद में करेंगे. मैं अब चलता हूँ."
"अभी से. अभी तो केवल पाँच बजे हैं." सोनिया ने दीवार घड़ी की ओर दृष्टि की.

"मुझे पहले से पहुंचना ज़रूरी है. क्योंकि मुझे यह भी देखना है कि कहीं मेरे लिए कोई जाल तो नही बिछाया गया है."
हंसराज ने वहां रखा हुआ छोटा सा बैग और सूटकेस उठाया और बाहर निकल आया. कुछ दूर पैदल चलने के बाद वह एक बस स्टैंड पर पहुँच गया और थोडी देर बाद एक बस के द्वारा वह पूर्व की ओर जा रहा था.

1 comment:

seema gupta said...

मुझे विश्वास है कि वह मेरे इश्क में धड़क रहा है. डार्लिंग, तुम फ़िक्र मत करो. इस वारदात के बाद हम ज़रूर शादी कर लेंगे. फिर रोजाना तुम मुझे हलवा पूरी खिलाना और मैं तुम्हें देख देख कर वह हलवा पूरी खाता रहूँगा."
' ha ha ha thrill, fear plus romance very interetsing'

regards