यह मीटिंग इमर्जेंसी हालत में बुलाई गई थी और इसमें सरकारी मशीनरी के चार ऐसे महत्वपूर्ण लोग शामिल थे जिनका लेओनार्दो के पोर्ट्रेट से किसी न किसी प्रकार का सम्बन्ध जुड़ा हुआ था.
इस मीटिंग का आयोजन आई जी राघवेन्द्र ने किया था. उनके अलावा अन्य उपस्थित व्यक्तियों में गृहमंत्री मि. राजाराम, आर्ट गैलरी के आयोजनकर्ता मि. विवेक पाटिल तथा संस्कृति मंत्री मि. रूद्रपाल थे. सांस्कृतिक मंत्री ने ही पोर्ट्रेट मंगवाने और इसकी प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया था.
इन लोगों को पोर्ट्रेट चोरी होने और तथा उसकी वापसी के लिए दस लाख डालर की मांग की जानकारी हो चुकी थी. और सभी अपने अपने स्थान पर परिस्थिति के बारे में विचार कर रहे थे.
"आख़िर सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पोर्ट्रेट किस तरह चोरी हो गया?" गृहमंत्री ने अपने हाथ मलते हुए कहा.
"हमारी सुरक्षा व्यवस्था अभेद थी. लेकिन अगर वो फेल हो गई तो इसके पीछे एक ही कारण हो सकता है." राघवेन्द्र ने कहा.
"कौन सा कारण?" गृहमंत्री का चेहरा बाईं और घूमा. क्योंकि आई जी की कुर्सी उसी और थी.
"वह कारण यह है कि हममें से कोई अपराधियों से मिला हुआ है."
आई जी के शब्दों ने वहां बम का कार्य किया. और सभी अपनी अपनी कुर्सियों पर सीधे बैठ गये.
"ये आप किस तरह कह सकते हैं?" सांस्कृतिक मंत्री मि. रूद्रपाल ने पूछा.
"इसलिए क्योंकि अपराधियों को मालूम था कि पोर्ट्रेट कहाँ रखा है, और उसकी सुरक्षा के लिए किस तरह की व्यवस्था की गई है. और इस व्यवस्था कि जानकारी केवल पोर्ट्रेट के सुरक्षा दस्ते को थी या हम चारों को."
"मेरा विचार है की सुरक्षा दस्ते का कोई सदस्य अपराधियों से मिला हुआ था. उसी ने सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी अपराधियों को दे दी और इस तरह पोर्ट्रेट चोरी की कामयाब प्लानिंग कर ली गई." आयोजनकर्ता मि. विवेक पाटिल ने अपने विचार व्यक्त किए.
"मैं मि. पाटिल के विचारों से सहमत हूँ. आप सुरक्षा दस्ते की चेकिंग कराइए." गृहमंत्री ने आई. जी. को संबोधित किया.
"ठीक है, मैं सुरक्षा दस्ते की चेकिंग कराऊंगा. लेकिन चोर ने जो मांग रखी है उसके बारे में क्या एक्शन होना चाहिए?"
"मैं दस लाख डालर का इन्तिजाम करवाए देता हूँ." गृहमंत्री ने कहा, :अगर चोर के अगले फोन तक उसके बारे में जानकारी मिल जाती है तो ठीक है वरना हमें उसको दस लाख डालर अदा करने होंगे. हमें चार दिन बाद पोर्ट्रेट वापस इटली भेजना है अतः पोर्ट्रेट वापसी से पहले कोई रिस्क नहीं उठाया जा सकता."
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उपन्यास - सूरैन का हीरो और यूनिवर्स का किंग
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उपन्यास - सूरैन का हीरो और यूनिवर्स का किंग उस लंबी कहानी की अंतिम कड़ी है
जिसके पूर्व हिस्से आप उपन्यासों - सूरैन का हीरो और
शादी का कीड़ा, सूरैन का हीरो...
1 comment:
"its going to be much more interesting in coming epesode"
Regards
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