Tuesday, June 24, 2008

चार सौ बीस - एपिसोड 41

"ये तो किसी इमारत में बम विस्फोट का समाचार है."
"क्या तुम्हें पोर्ट्रेट की चोरी से इसका कोई सम्बन्ध दिखाई दे रहा है?"
"भला इस बम विस्फोट का पोर्ट्रेट की चोरी से क्या सम्बन्ध हो सकता है?"
"पहले तो ये बताओ कि ये इमारत किस जगह पर है?" आई. जी राघवेन्द्र ने पूछा.
इं. दिनेश ने फिर समाचार पढ़ना आरम्भ किया, "ये इमारत तो....ओह, ये तो आर्ट गैलरी के पास है."
"हाँ. बम विस्फोट आर्ट गैलरी के पास की इमारत में हुआ. और इस विस्फोट का समय रात नौ बजे का है. मुझे पूरा यकीन है कि उसी समय कंट्रोल रूम में टी. वी. स्क्रीन पर गड़बड़ हुई थी.
.....चोरों का प्लान बहुत शानदार था. और उन्हें सुरक्षा प्रबंध की भी पूरी जानकारी थी. उनके एक ग्रुप ने पास की इमारत में बम विस्फोट किया जिससे आर्ट गैलरी के पहरेदार उधर निकल गये. फिर उनके दूसरे ग्रुप ने टी. वी. कैमरा अस्थाई रूप से ख़राब कर दिया. उसी समय उनके तीसरे ग्रुप ने असली पोर्ट्रेट चुराकर वहां नकली रख दिया." आई. जी ने कहा.
उसी समय वह सिपाही अन्दर प्रविष्ट हुआ जिसे इं. दिनेश ने फोन काल के बारे में पता करने भेजा था.
"क्या हुआ?" इं. दिनेश ने सिपाही की ओर देखा.
"उस काल के बारे में पता चल गया है सर." सिपाही ने कहा, "वो भरतपुर के एक पी. सी. ओ. से की गई थी."
"ठीक है. तुम जाओ." इं. दिनेश ने कहा और सिपाही बाहर चला गया.
"इसका मतलब ये हुआ कि पोर्ट्रेट दूसरे शहर में पहुँच गया है. इंसपेक्टर तुम्हें ख़ुद भरतपुर जाना होगा. क्योंकि इस केस में ज़्यादा लोगों को शामिल नही किया जा सकता." आई. जी. ने कहा.
"ठीक है सर, मैं भरतपुर जाने कि तय्यारी करता हूँ." इं. दिनेश ने कहा और बाहर निकल गया.
...................
"आइये मि. एडगर, लेओनार्दो का पोर्ट्रेट आपका इन्तिज़ार कर रहा है." मनोहरश्याम ने अपने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया जो संख्या में तीन थे.
सबसे आगे वाला व्यक्ति माइक एडगर था. काला चश्मा, नीला हैट लगाये इस व्यक्ति ने नीला सूट पहन रखा था. उसके पीछे खड़े लाल टी शर्ट वाले व्यक्ति के शर्ट से झांकते जिस्म से अनुमान होता था कि वह अच्छा बॉडी बिल्डर है. उसने हाथ में एक सूटकेस पकड़ रखा था. उसकी बगल में तीसरा व्यक्ति खड़ा था जो कि भूरे रंग के थ्री पीस सूट में था.
ये वही कमरा था जिसमें इससे पहले मनोहरश्याम ने सौम्य इत्यादि से मुलाकात की थी.
आने वाले विदेशी मेहमान मनोहरश्याम के सामने कुर्सियों पर बैठ गये.
"तो मेरा ख्याल है कि सौदा पक्का हो गया है. मैं आपको दस लाख डालर के बदले में वह पोर्ट्रेट दे रहा हूँ." मनोहरश्याम ने कहा.
.........continued

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