"हम वादा करित है कि भैंस मिलै पर हम तुहें एक बाल्टी खालिस दूध दे जैबे." कहते हुए वो एक फर्राटे में दूर निकल गया.
"साला चला गया. अब तक किसी को बिना पानी का दूध दिया है या मुझे ही देगा." मुसीबतचंद बड़बड़ा रहा था.
"दूधवाले के जाने के बाद एक दूसरा गाहक मुसीबतचंद के सामने मौजूद था बल्कि थी. वो जींस टी-शर्ट और पर कटे बालों वाली एक लड़की थी जिसकी उम्र उन्नीस बीस के लगभग थी.
"मि. ज्योतिषी, मेरा हाथ देखकर बताइये कि मेरा भविष्य क्या है?" उसने अपना हाथ बढाया.
मुसीबतचंद ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और दूसरे हाथ से अपना चश्मा ठीक करने के उपरांत गौर से उसके हाथ की लकीरें देखने लगा."तुम्हारे हाथ की लकीरें बता रही हैं कि बिना किसी रुकावट के तुम्हारी शादी उसी से होगी जिससे तुम प्रेम करती हो." हाथ देखने के बाद उसने खुशखबरी सुनाई.
"व्हाट! क्या कहते हो." लड़की के माथे पर बल पड़ गए.
"अगर मुझे सुधीर से शादी करनी होती तो मैं उससे प्रेम ही क्यों करती. तुम मुझे ये बताओ कि मैं मिस इंडिया बन पाउंगी या नही?"
"उसके बारे में भी बताऊंगा. लेकिन पहले मेरी दक्षिणा पाँच रूपये दीजिये." मुसीबत्चंद को डर हुआ कि कहीं ये भी ग्राहक बिना पैसे दिए न निकल जाए.
"ये लो दस रूपये रखो. और जल्दी बताओ." तेज़ आवाज़ में बोलते हुए उसने पर्स से दस का नोट निकालकर मुसीबतचंद की तरफ़ फ़ेंक दिया.
"दस रूपये में तो आप मिस यूनिवर्स भी बन जायेंगी." लाइये फिर हाथ दिखाइये."
लड़की ने हाथ आगे बढाया. किन्तु उसी समय पास की इमारत में एक जोरदार धमाका हुआ. देखते ही देखते इमारत का एक भाग मलबे में बदल गया.
.......continued
उपन्यास - सूरैन का हीरो और यूनिवर्स का किंग
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उपन्यास - सूरैन का हीरो और यूनिवर्स का किंग उस लंबी कहानी की अंतिम कड़ी है
जिसके पूर्व हिस्से आप उपन्यासों - सूरैन का हीरो और
शादी का कीड़ा, सूरैन का हीरो...
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