Wednesday, March 12, 2008

चार सौ बीस - एपिसोड 19

"आर्ट गैलरी में सुरक्षा प्रबंध के बारे में मुझे जो जानकारी मिली है वह मैं तुम्हें बता रहा हूँ. बाकी काम तुम्हें अपनी योजना बनाकर करना है." मनोहरश्याम एक पल को रुका, फिर बताना शुरू किया "पोर्ट्रेट के चारों तरफ़ शीशे की बुलेट प्रूफ़ दीवार है. और इस दीवार से थोडी दूर पर लोहे के तारों से बना कटघरा है. इस कटघरे में प्रदर्शनी के खुलने के समय को छोड़कर हर समय करंट दौड़ता रहता है. इसके अलावा पाँच छह टीवी कैमरे हर समय पोर्ट्रेट की निगरानी करते रहते हैं. पाँच छह पहरेदार हर समय उस कमरे के बाहर गश्त करते रहते हैं....." मनोहरश्याम कुछ पलों के लिए मौन हुआ फिर बोला, "तो ये है वहाँ का सुरक्षा चक्र्व्यूह. जिसे तुम लोगों को भेद कर पोर्ट्रेट मेरे पास पहुँचाना होगा."
फिर वहाँ कुछ देर सन्नाटा छाया रहा. उसके पश्चात् एक व्यक्ति बोला, "सुरक्षा का वास्तव में तगड़ा प्रबंध है. और हमें एक मज़बूत प्लानिंग की आवश्यकता होगी."
"और ये प्लानिंग करने के लिए तुम्हारे पास बहुत कम समय है. क्योंकि पाँच दिनों बाद कलाकृति वापस इटली भेज दी जायेगी." मनोहरश्याम ने कहा.
"इसका मतलब हुआ कि हमें अभी से इस बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए. सौम्य, तुम इस बारे में क्या कहते हो?" बीच वाले व्यक्ति ने अपनी दाईं और बैठे व्यक्ति को संबोधित किया.
"मैं सोच रहा हूँ कि पोर्ट्रेट कि निगरानी तीन तरफ़ से की जा रही है. तारों का कटघरा, जिसमें करंट दौड़ता रहता है. टीवी कैमरे और पहरेदार. अब पहला प्रश्न उठता है कि इनमें से कौन सी प्रणाली को आसानी से भेदा जा सकता है? तुम्हारा क्या विचार है गंगाराम?" सौम्य ने बगल में बैठे व्यक्ति से पूछा.
"मेरा विचार है कि लोहे की बाड़ को रबर की पोशाक पहनकर आराम से फांदा जा सकता है. पहरेदारों को भी झांसा दिया जा सकता है. किन्तु मुख्य समस्या है टीवी कैमरे की. अगर उसे ख़राब भी कर दिया तो कंट्रोल रूम में तुरंत खलबली मच जायेगी. और पूरा पुलिस दल आर्ट गैलरी में टूट पड़ेगा." गंगाराम ने अपने विचार व्यक्त किए.
"एक सम्भावना ये भी हो सकती है कि जैसे ही हम लोग लोहे की बाड़ को छुएं, पूरी इमारत अलार्म से गूँज उठे. और हम किसी चूहे की तरह पकड़े जाएं." अब तक मौन बैठे व्यक्ति ने पहली बार मुंह खोला.
"तुम सही कहते हो रोशन. इसकी सम्भावना हो सकती है." मनोहरश्याम ने कहा, "हालांकि जिन स्रोतों से मुझे सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी मिली है वहां से इसकी पुष्टि नही हुई है. किन्तु इस सम्भावना से इनकार नही किया जा सकता है."
फिर वहां सन्नाटा छा गया. सभी अपने अपने स्थान पर किसी कामयाब प्लान की उत्पत्ति पर विचार कर रहे थे.
......continued

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